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A terrorist Ghazi Saiyyad Salar Masud is worshipped by Stupid Hindus

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एक मुस्लिम हमलावर सुल्तान सैयद सालार मसूद गाज़ी जिसने भारत पर सन 1031 में विशाल सेना के साथ हमला किया 
ये जिहादी स्वयं ग़ज़नी का रिश्तेदार था, वही ग़ज़नी जिसने सोमनाथ मंदिर पर 16 बार हमला किया कत्लेआम किया बलात्कार किया मंदिर को तोडा एक मुस्लिम हमलावर सुल्तान सैयद सालार मसूद गाज़ी जिसने भारत पर सन 1031 में विशाल सेना के साथ हमला किया


ये जिहादी स्वयं ग़ज़नी का रिश्तेदार था, वही ग़ज़नी जिसने सोमनाथ मंदिर पर 16 बार हमला किया कत्लेआम किया बलात्कार किया मंदिर को तोडा एक मुस्लिम हमलावर सुल्तान सैयद सालार मसूद गाज़ी जिसने भारत पर सन 1031 में विशाल सेना के साथ हमला किया
ये जिहादी स्वयं ग़ज़नी का रिश्तेदार था, वही ग़ज़नी जिसने सोमनाथ मंदिर पर 16 बार हमला किया कत्लेआम किया बलात्कार किया मंदिर को तोडा 

ग़ज़नी तो भारत में बार बार लूट, हत्या, बलात्कार के बाद वापस चला जाता था पर उसी का रिश्तेदार सैयद सालार मसूद गाज़ी
ने भारत पर हमला किया और उसका मकसद था की भारत को पूरी तरह इस्लामिक राष्ट्र बना देगा जैसे पर्शिया/ ईरान को बन दिया गया 

सैयद सालार मसूद अपनी सेना को लेकर “हिन्दुकुश” पर्वतमाला को पार करके पाकिस्तान (आज के) के पंजाब में पहुँचा, जहाँ उसे पहले हिन्दू राजा आनन्द पाल शाही का सामना करना पड़ा, जिसका उसने आसानी से सफ़ाया कर दिया। मसूद के बढ़ते कदमों को रोकने के लिये सियालकोट के राजा अर्जन सिंह ने भी आनन्द पाल की मदद की लेकिन इतनी विशाल सेना के आगे वे बेबस रहे। मसूद धीरे-धीरे आगे बढ़ते-बढ़ते राजपूताना और मालवा प्रांत में पहुँचा, जहाँ राजा महिपाल तोमर से उसका मुकाबला हुआ, और उसे भी मसूद ने अपनी सैनिक ताकत से हराया। 

एक तरह से यह भारत के विरुद्ध पहला जेहाद कहा जा सकता है, जहाँ कोई मुगल आक्रांता सिर्फ़ लूटने की नीयत से नहीं बल्कि बसने, राज्य करने और इस्लाम को फ़ैलाने का उद्देश्य लेकर आया था। पंजाब से लेकर उत्तरप्रदेश के गांगेय इलाके को रौंदते, लूटते, हत्यायें-बलात्कार करते सैयद सालार मसूद अयोध्या के नज़दीक स्थित बहराइच पहुँचा, जहाँ उसका इरादा एक सेना की छावनी और राजधानी बनाने का था। इस दौरान इस्लाम के प्रति उसकी सेवाओं को देखते हुए उसे “गाज़ी बाबा” की उपाधि दी गई

इस्लामी खतरे को देखते हुए पहली बार भारत के उत्तरी इलाके के हिन्दू राजाओं ने एक विशाल गठबन्धन बनाया, जिसमें 17 राजा सेना सहित शामिल हुए और उनकी संगठित संख्या सैयद सालार मसूद की विशाल सेना से भी ज्यादा हो गई। जैसी कि हिन्दुओ की परम्परा रही है, सभी राजाओं के इस गठबन्धन ने सालार मसूद के पास संदेश भिजवाया कि यह पवित्र धरती हमारी है और वह अपनी सेना के साथ चुपचाप भारत छोड़कर निकल जाये अथवा उसे एक भयानक युद्ध झेलना पड़ेगा। 

गाज़ी मसूद का जवाब भी वही आया जो कि अपेक्षित था, उसने कहा कि “इस धरती की सारी ज़मीन खुदा की है, और वह जहाँ चाहे वहाँ रह सकता है… यह उसका धार्मिक कर्तव्य है कि वह सभी को इस्लाम का अनुयायी बनाये और जो खुदा को नहीं मानते उन्हें काफ़िर माना जाये…”। उसके बाद ऐतिहासिक बहराइच का युद्ध हुआ, जिसमें संगठित हिन्दुओं की सेना ने सैयद मसूद की सेना को धूल चटा दी। इस भयानक युद्ध के बारे में इस्लामी विद्वान शेख अब्दुर रहमान चिश्ती की पुस्तक मीर-उल-मसूरी में विस्तार से वर्णन किया गया है। उन्होंने लिखा है कि मसूद सन् 1033 में बहराइच पहुँचा, तब तक हिन्दू राजा संगठित होना शुरु हो चुके थे। यह भीषण रक्तपात वाला युद्ध मई-जून 1033 में लड़ा गया। युद्ध इतना भीषण था कि सैयद सालार मसूद के किसी भी सैनिक को जीवित नहीं जाने दिया गया, 

यहाँ तक कि युद्ध बंदियों को भी मार डाला गया… मसूद का समूचे भारत को इस्लामी रंग में रंगने का सपना अधूरा ही रह गया।बहराइच का यह युद्ध 14 जून 1033 को समाप्त हुआ।
बहराइच के नज़दीक इसी मुगल आक्रांता सैयद सालार मसूद (तथाकथित गाज़ी बाबा) की कब्र बनी। जब फ़िरोज़शाह तुगलक का शासन समूचे इलाके में पुनर्स्थापित हुआ तब वह बहराइच आया और मसूद के बारे में जानकारी पाकर प्रभावित हुआ और उसने उसकी कब्र को एक विशाल दरगाह और गुम्बज का रूप देकर सैयद सालार मसूद को “एक धर्मात्मा” के रूप में प्रचारित करना शुरु किया, एक ऐसा इस्लामी धर्मात्मा जो भारत में इस्लाम का प्रचार करने आया था। 

मुगल काल में धीरे-धीरे यह किंवदंती का रूप लेता गया और कालान्तर में सभी लोगों ने इस “गाज़ी बाबा” को “पहुँचा हुआ पीर” मान लिया तथा उसकी दरगाह पर प्रतिवर्ष एक “उर्स” का आयोजन होने लगा, जो कि आज भी जारी है।

आज अंधभक्ति और मूर्खता और महामूर्खता में अनपढ़ता में हिन्दू उसी जिहादी के मजार पर जाकर स्वास्थ्य लाभ और अन्य स्वार्थो की पूर्ती के लिए सर झुकाते है 
क्या इन हिन्दुओ को मुर्ख कहना गलत है जिसने हिन्दुओ के कत्लेआम, बलात्कार, मंदिरों को तोड़ने के अलावा कुछ नहीं किया आज उसकी भक्ति में हिन्दू किसी गधे की तरह सर झुकाने जाता है 

इतिहासकार और वामपंथी हैवानो ने हिन्दुओ को कोई जानकारी ही नहीं दी, ये पूरी जानकारी आप हिन्दुओ तक पहुचाइए 
दैनिक भारत ऐसी कई और जानकारियां आपतक देता रहेगा, दैनिक भारत का जन्म ही इंडिया को भारत(हिन्दू राष्ट्र) बनाने के लिए हुआ है


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